त्रिवेणीनगर की गलियों से अंतरिक्ष तक के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के रोमांचक सफर से लखनऊ में हलचल मची हुई है। दोस्त और रिश्तेदार खुश हैं, वहीं स्कूली शिक्षा में उनके मार्गदर्शक रहे शिक्षक और निदेशक भी खुश और गौरवान्वित हैं। शुभांशु ने बुधवार को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के ऑडिटोरियम से लॉन्चिंग मिशन का सीधा प्रसारण किया, जहां उनके माता-पिता, स्कूल के शिक्षक और प्रशासक मौजूद थे। गुरुवार को डॉकिंग प्रक्रिया (अंतरिक्ष यान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ने की प्रक्रिया) का भी प्रसारण किया गया।
जागरण संवाददाता, लखनऊ: त्रिवेणी नगर की गलियों से अंतरिक्ष तक के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के रोमांचक सफर ने लखनऊ को गौरवान्वित कर दिया है। मित्र और रिश्तेदार तो खुश हैं ही, स्कूली शिक्षा के दौरान उनका मार्गदर्शन करने वाले शिक्षक और प्रशासक भी गदगद हैं। शुभांशु ने प्रारंभिक शिक्षा जहां प्राप्त की, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के सभागार में बुधवार को मिशन लॉन्च का लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में उनके माता-पिता के साथ ही स्कूल के शिक्षक और प्रबंधन सदस्य मौजूद रहे। गुरुवार को डॉकिंग यानी अंतरिक्ष यान के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने की प्रक्रिया का भी प्रसारण किया गया।
सफल डॉकिंग के बाद शुभांशु की मां आशा शुक्ला और पिता शंभू दयाल के चेहरे पर राहत का भाव साफ दिखाई दिया। इससे पहले बुधवार रात को शुभांशु के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
महापौर सुषमा खर्कवाल ने त्रिवेणी नगर स्थित घर जाकर परिवार को बधाई दी और घोषणा की कि शुभांशु ने न केवल देश बल्कि लखनऊ का भी नाम रोशन किया है, इसलिए उनके सम्मान में सड़क और घर के सामने वाले पार्क का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।
साथ ही उनके घर के आसपास समुचित विकास भी कराया जाएगा। महापौर ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की वैज्ञानिक ताकत को दर्शाती है और शुभांशु शुक्ला युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। गुरुवार को कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के ऑडिटोरियम में लगी विशाल स्क्रीन पर जैसे ही स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग का दृश्य दिखा, पूरा हॉल तालियों, जयकारों और खुशी से गूंज उठा। सभी ने एक स्वर में कहा, डॉकिंग सफल!
शुभांशु की मां आशा शुक्ला और पिता शंभू दयाल शुक्ला की आंखों में आंसू आ गए। हाथ जोड़कर और आंखें ऊपर उठाकर मां ने अपने बेटे की मौजूदगी को उस ऊंचाई पर महसूस किया। उन्होंने कहा, "यह मिशन सिर्फ़ विज्ञान के बारे में नहीं है - यह संस्कृति, शिक्षा और भारतीय आत्मविश्वास का मिश्रण है। शुभांशु अब वहां पहुंच गया है जहां पहुंचने का सिर्फ़ बच्चे ही सपना देखते हैं। वह मानवता के साझा भविष्य का सह-पायलट बन गया है।" शंभू दयाल शुक्ला के चेहरे पर गर्व की चमक शब्दों से परे थी।
ऑडिटोरियम को झंडियों और अंतरिक्ष थीम वाली सजावट से सजाया गया था।
सीएमएस निदेशक गीता गांधी किंगडन ने भावुक होते हुए कहा, "आज सितारों ने हमारे अपने बेटे को गले लगा लिया है। शुभांशु की यात्रा यह साबित करती है कि जब आपके मूल्य मजबूत होते हैं, तो आपकी उड़ान अंतरिक्ष तक पहुँच सकती है।"
सीएमएस की संस्थापक डॉ. भारती गांधी ने कहा, "स्कूल की कक्षाओं से लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक शुभांशु की यात्रा हर छात्र के लिए प्रेरणा है।" उन्होंने कहा कि उनकी प्रेरणा के कारण, अब अधिकांश बच्चे फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं में अंतरिक्ष यात्री की तरह तैयार होकर आते हैं।
Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला ko लेकर लखनऊ की मेयर ने की बड़ी घोषणा, Safe Docking se Maa ko मिला सुकून
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