CM मोहन चरण माजी ने पुरी रथ‑यात्रा भगदड़ के लिए माफी मांगी, उच्च‑स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई

Sanyam
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29 जून 2025 को पुरी के गुण्‍डिचा मंदिर के पास रथ‑यात्रा के दौरान भगदड़ में कम से कम 3 मरे, 50 से अधिक घायल — CM मोहन चरण माजी का सार्वजनिक माफी, दो पुलिस अधिकारियों की निलंबन, ₹25 लाख मुआवजा।


घटना का संक्षिप्त परिचय

(29 जून 2025):रविवार सुबह लगभग 4:00 बजे, रथ‑यात्रा के दौरान श्री गुण्‍डिचा मंदिर के समीप श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अचानक एकत्र हुई; इसी दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हुए। घटना के तुरंत बाद 12 को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कई की स्थिति गंभीर थी ।

Contents
29 जून 2025 को पुरी के गुण्‍डिचा मंदिर के पास रथ‑यात्रा के दौरान भगदड़ में कम से कम 3 मरे, 50 से अधिक घायल — CM मोहन चरण माजी का सार्वजनिक माफी, दो पुलिस अधिकारियों की निलंबन, ₹25 लाख मुआवजा। घटना का संक्षिप्त परिचयभीड़‑प्रबंधन में चूक और विस्फोटक स्थितियाँमुख्यमंत्री का माफीपत्र और सार्वजनिक बयानप्रशासनिक एवं कानूनी कार्रवाइयाँ🔄 स्थानीय अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई:🕵️ जांच समिति की स्थापना: आर्थिक मुआवज़ा एवं राहत उपायराजनीतिक प्रतिक्रियाएँ🗣️ विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया: Eyewitness विवरण और स्थानीय विरोधधार्मिक आयोजन में बढ़ती संवेदनशीलता गत कुछ महीनों की समान घटनाओं की समयरेखाआगे की योजनाएँ और कदम

मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:

  • बासंती साहू (36) – बोलनार से
  • प्रेमकांत मोहंती (80)
  • प्रवती दास (42)

भीड़‑प्रबंधन में चूक और विस्फोटक स्थितियाँ

CM मोहन चरण
  • घटना के समय तड़के भक्त “पाहुडा़ हटाने” (Pahuda) रस्म का अवलोकन करने के लिए गुण्‍डिचा मंदिर के पास इकट्ठा थे ।
  • Eyewitnesses के अनुसार दो ट्रक रस्मों के पुजा‑सामগ্ৰी (Charamala) ले जा रहे थे, जो संकरी गली में घुस गए। इससे अचानक धक्का‑मुकी की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे भगदड़ की शुरुआत हुई।
  • कुछ सामाजिक दृष्टिकोण अनुसार VIP मूवमेंट की वजह से नई प्रवेश व्यवस्था बना दी गई, जिससे भक्तों को उलझन हुई ।

मुख्यमंत्री का माफीपत्र और सार्वजनिक बयान

मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी ने तत्काल घटना पर चर्चा करते हुए कहा:

“इस तरह की लापरवाही मद्ध में नहीं लाई जा सकती। मैं तथा मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा माँगते हैं… इस त्रासदी में जीवन बहने वालों के परिजनों के प्रति हमारी संवेदनाएँ हैं।”

– उन्होंने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया कि पूर्णतः जांच प्रारंभ हो गई है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी ।


प्रशासनिक एवं कानूनी कार्रवाइयाँ

🔄 स्थानीय अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई:

  • DCP बिष्णु चरण पत्नी और कमांडेंट अजय पाधी को तुरंत निलंबित कर दिया गया ।
  • जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वेन और SP विनीत अग्रवाल को स्थानांतरित किया ।गया
  • नए DM और SP नियुक्त किए गए – चंचल राणा और पिनाक मिश्रा

🕵️ जांच समिति की स्थापना:

– मुख्यमंत्री ने एक उच्च‑स्तरीय जांच समिति का गठन किया हे, जिसकी अध्यक्षता विकास आयुक्त करेंगे pragativadi.com


आर्थिक मुआवज़ा एवं राहत उपाय

– सरकार ने मृतक परिवारों को ₹25 लाख तक मुआवज़ा प्रदान करने की घोषणा की economictimes.indiatimes.com+15pragativadi.com+15freepressjournal.in+15
– घायलों के लिए त्वरित चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई तथा अस्पतालों में सहायता जारी रही ।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

🗣️ विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:

  • भक्त चरण दास (Odisha Congress President):
    सांसदों पर आरोप लगाया कि VIP व्यवस्था ने ‘भक्ति‑केन्द्रित आयोजन’ को बाधित किया। उन्होंने कहा: “रथ‑यात्रा भक्त‑केन्द्रित होनी चाहिए, VIP नहीं।”
  • मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष):
    घटना को “गंभीर लापरवाही और mismanagement” करार दिया।
    उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की
  • नवीन पटनायक (पूर्व CM, BJD):
    घटना को “सरकारी अक्षमता” एवं “गंभीर चूक” बताते हुए तत्काल सुधार की मांग की।
  • राहुल गांधी (लोकसभा विपक्षी नेता):
    कहा कि भीड़ प्रबंधन और बड़े आयोजनों की तैयारी में कमी “संजीदा चेतावनी” है ।

Eyewitness विवरण और स्थानीय विरोध

– कई श्रद्धालु चिल्लाने लगे और कुछ की साँस रुक गई।
– “कोई पुलिस कर्मी वहाँ नहीं था”— यह कह कर कई लोगों ने स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया ।
– कुछ स्थानीय युवा और स्वयं सेवकों ने फौरन भगदड़ में बचाव कार्य में मदद की; वरना स्थिति और भयावह हो सकती थी ।


धार्मिक आयोजन में बढ़ती संवेदनशीलता

– रथ यात्रा प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। भीड़‑प्रबंधन विफल होने से जीवन‑हानि का जोखिम बढ़ गया है ।
– हालिया घटनाओं की श्रृंखला बताती है कि तीर्थ‑यात्राओं और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा बहु-स्तरीय होनी चाहिए।


गत कुछ महीनों की समान घटनाओं की समयरेखा

तारीखआयोजनकुल मृत्यु/चोट
29 जनवरी 2025प्रयागराज–महा कुंभ (Mauni Amavasya)30+ की मौत, 60+ घायल
3 मई 2025गोवा–लैराई देवी जत्रा6 मौत, 50+ घायल
4 जून 2025बेंगलुरु–RCB IPL विजय उत्सव11 मौत
29 जून 2025पुरी–गुण्‍डिचा मंदिर रथ‑यात्रा3 मौत, 50+ घायल

इन घटनाओं ने बड़े जन‑आगम वाले आयोजनों में सुरक्षा सुधार की आवश्यकता को मुखर किया है।


आगे की योजनाएँ और कदम

  • जांच समिति अपनी रिपोर्ट 7–10 दिनों में प्रस्तुत करेगी।
  • भीड़‑प्रबंधन रणनीतियों में सुधार, सुरक्षा उपकरण की तैनाती और वीआईपी आवागमन की नई व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जाएगा।
  • आइंदा आयोजन में देवताओं और भक्तों की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

28–29 जून 2025 की भोर को पुरी के गुण्‍डिहा मंदिर पर हुई भगदड़ ने देशभर में धार्मिक आयोजनों की तैयारी और सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी की सार्वजनिक माफी, मुआवज़ा घोषणा और तत्काल कार्रवाई ने राज्य सरकार की उत्तरदायित्व की भावना प्रदर्शित की है। तथापि, विपक्ष ने प्रशासनिक लापरवाही, VIP‑प्रोटोकॉल और व्यवस्था विफलता का आरोप लगाया है। Eyewitness विवरण ने स्पष्ट किया कि तत्काल तैनाती, भीड़‑आगमन का सही प्रबंधन और ट्रकों/वीआईपी मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करने में चूक हुई।

भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा, आपातकालीन तैयारी, आधुनिक तकनीकी उपाय और पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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