कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस: CCTV से खुली दरिंदगी की परतें, SIT जांच तेज़, 4 गिरफ्तार

Sanyam
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कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप में 24 वर्षीय छात्रा से हुए कथित गैंगरेप मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। 25 जून को कॉलेज परिसर में हुई इस घटना ने राज्य भर में आक्रोश फैला दिया है। अब कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा गया है कि पीड़िता को जबरन गार्ड रूम में घसीटा गया, जहां उसके साथ दरिंदगी की गई।

कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप: 7 घंटे की CCTV रिकॉर्डिंग में आरोपों की पुष्टि, चार आरोपी गिरफ्तार

जांच अधिकारी के मुताबिक, पुलिस को कॉलेज परिसर की लगभग 7 घंटे लंबी CCTV फुटेज मिली है — दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक। इस फुटेज में दो युवकों को पीड़िता को जबरन खींचते हुए और उसे गार्ड रूम में ले जाते हुए देखा गया है। इन दृश्यों से पीड़िता की लिखित शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि होती है।

गार्ड रूम बना अपराध का अड्डा, चार गिरफ्तार

जिस गार्ड रूम में यह घटना हुई, उस कमरे को कॉलेज के सुरक्षा गार्ड ने आरोपियों के कहने पर जानबूझकर खाली कर दिया था। इस गार्ड को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूछताछ के बाद चार प्रमुख गिरफ्तारियां हुई हैं:

  • मनोजीत मिश्रा (31): मुख्य आरोपी, कॉलेज का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी।
  • जैद अहमद (19): वर्तमान छात्र।
  • प्रमित मुखर्जी (20): वर्तमान छात्र।
  • कॉलेज सुरक्षा गार्ड: अपराध में सहयोग करने का आरोप।

SIT टीम का गठन, सदस्य बढ़े

मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। अब इस टीम में सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 9 कर दी गई है। असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रदीप कुमार घोषाल इस जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं। SIT का उद्देश्य है — अपराध से जुड़े हर पहलू की विस्तृत और निष्पक्ष जांच।

मेडिकल रिपोर्ट और राजनीतिक प्रतिक्रिया

कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप ,

पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं — खासकर गर्दन, छाती और बाजुओं पर। इससे स्पष्ट है कि उसके साथ न केवल जबरदस्ती की गई, बल्कि शारीरिक हिंसा भी हुई।

घटना ने राज्य में राजनीतिक तूफान भी खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के कुछ नेताओं के विवादास्पद बयानों की निंदा हो रही है, वहीं पार्टी का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

महिला सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

इस पूरे मामले ने एक बार फिर कॉलेज परिसरों और शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने दोषियों को सख्त सजा की मांग करते हुए कई जगह प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं।

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निष्कर्ष:
कोलकाता लॉ कॉलेज में हुआ यह गैंगरेप मामला सिर्फ एक छात्रा पर हुए अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह संस्थागत लापरवाही, प्रशासनिक कमजोरी और सुरक्षा की विफलता का एक चिंताजनक उदाहरण भी है। अब देखना यह है कि जांच एजेंसियां और राज्य सरकार किस हद तक न्याय सुनिश्चित कर पाती हैं।

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