रूटीन ट्रेनिंग मिशन में पाकिस्तान सीमा के समीप चूरू के भानोडा गांव में IAF का ट्रेनर जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त
📅 घटना का समय एवं स्थल
- कब: बुधवार, 9 जुलाई 2025, लगभग 1:25 PM IST।
- कहाँ: चूरू जिला, राजस्थान—रतनगढ़ तहसील के भानोडा (Bhanoda) गांव के पास कृषि भूमि में विमान गिरा।
🛫 हादसे का पूरा विवरण
- IAF का ट्विन‑सीटर जगुआर ट्रेनर जेट एक रूटीन ट्रेनिंग मिशन पर था, जो सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भरा।
- प्रायः 1:25 बजे, विमान अचानक क्रैश हो गया — आसपास काले धुएँ की गाढ़ी लपटें उठती दिखीं।
- दुर्घटना स्थल से मानव अवशेष मिलने की पुष्टि पुलिस चौकी SHO कमलेश ने की, जो संकेत है कि दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आई हैं।
⚰️ शहीद पायलट व हताहत आंकड़े
- IAF ने स्पष्ट रूप से बताया कि विमान में सवार दोनों पायलटों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
- अब तक किसी नागरिक क्षेत्र में कोई हानि नहीं पहुंची है।
🚁 रेस्क्यू ऑपरेशन व जांच प्रक्रिया
- दुर्घटना के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुँचीं।
- IAF द्वारा कोर्ट ऑफ इनक्वायरी (COI) का गठन कर कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
📌 इस साल IAF की दुर्घटनाओं की बढ़ती श्रृंखला
घटना | तिथि | स्थान | विवरण |
---|---|---|---|
जगुआर Trainer Crash | 7 मार्च 2025 | Ambala/Panchkula | टेक्निकल फेलियर, पायलट सुरक्षित इजेक्ट हुए। |
जगुआर Crash | 2 अप्रैल 2025 | Jamnagar, Gujarat | रात में प्रशिक्षण के दौरान गिरा; 1 पायलट शहीद, दूसरा सुरक्षित। |
चूरू Crash | 9 जुलाई 2025 | Churu, Rajasthan | दोनों पायलट शहीद। इस वर्ष तीसरी घातक दुर्घटना। |
- यह दुर्घटना इस वर्ष IAF के पांचवें फाइटर जेट क्रैश के रूप में सामने आई है, जिसने जगुआर फाइटर विमानों के निरंतर दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है।
🛡️ तकनीकी व सुरक्षा चिंताएँ
- जगुआर एक पुरानी फ्रेंच-यूके स्पेकैट जेट है, जो भारत में 45 वर्षों से सेवा में है और आधुनिक फ्लैटफॉर्म्स से धीमी गति से बदल रही है।
- विमान बेड़े की वृद्धावस्था, स्पेयर पार्ट्स की कमी और मेंटेनेंस की चुनौतियाँ दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह मानी जा रही हैं।
📰 IAF और रक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया
- आईएएफ ने अपने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट पर दुख जताया और मृतकों के परिवारों से संवेदना व्यक्त की।
- COI की रिपोर्ट आने तक कोई तकनीकी निष्कर्ष या दोषी का नाम नहीं सामने आया है।
⛓️ भविष्य की रणनीतियाँ एवं सुझाव
- तुरन्त COI रिपोर्ट सार्वजनिक कर दुर्घटना का वास्तविक कारण जनहित में साझा किया जाए।
- जगुआर फ्लीट को टीकाकरण व अपग्रेड के साथ-साथ Tejas Mk1A और अन्य नवीन विमानों से तेजी से प्रतिस्थापित करने की प्रक्रिया तेज़ की जानी चाहिए।
- पायलटों की सुरक्षा व दुर्घटनाओं को रोकने हेतु एमरजेंसी इजेक्शन, EEPs, और उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार प्राथमिकता हो।
चूरू में हुआ यह हादसा भारत में इस वर्ष की लगातार तीसरी विमान दुर्घटना है, जिसमें युवा सैनिकों की जान चली गई। गंभीर चिंताएँ इस वृद्ध सैनिक बेड़े की सुरक्षा और तकनीकी विश्वसनीयता को लेकर उठ रही हैं। यदि COI निष्कर्ष पारदर्शी होंगे तो भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सकता है। अब मोदी सरकार एवं रक्षा मंत्रालय पर जिम्मेदारी है कि वे विमानों को अपडेट करें और सैनिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें।
कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) चूरू में IAF जगुआर ट्रेनर जेट क्रैश को लेकर:
1. यह दुर्घटना कब और कहाँ हुई थी?
उत्तर: यह हादसा 9 जुलाई 2025, बुधवार, दोपहर लगभग 1:25 बजे हुआ। घटना स्थल था राजस्थान के चूरू जिले में रतनगढ़ तहसील के पास स्थित भानोडा गांव का कृषि क्षेत्र।
2. हादसे में कितने पायलट सवार थे और क्या हुआ?
उत्तर: विमान में दो पायलट सवार थे, जो एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर थे। दुर्घटना के पश्चात भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक घोषणा की कि दोनों पायलटों की मौत हो गई ।
3. विमान किस प्रकार का था?
उत्तर: यह एक ट्विन-सीटर जगुआर ट्रेनर एयरक्राफ्ट था, जिसका उपयोग IAF प्रशिक्षण मिशनों में करती है ।
4. क्या कोई नागरिक हताहत हुआ?
उत्तर: फिलहाल कोई भी नागरिक हताहत नहीं हुआ है, क्योंकि विमान क्रैश एक निर्जन कृषि क्षेत्र में हुआ ।
5. इस साल अन्य जगुआर जेट दुर्घटनाएँ हुई हैं?
उत्तर: हाँ, यह दूसरी लघु अवधि में हुई घातक जगुआर दुर्घटना है:
- अप्रैल में गुजरात के जमनगर में एक रात का प्रशिक्षण मिशन, जिसमें एक पायलट की मौत हुई।
- मार्च में हरियाणा/अंबाला में एक तकनीकी समस्या के कारण क्रैश—पायलट सुरक्षित इजेक्ट.
इस दुर्घटना ने IAF के पुरानी फ्लाइट्स की स्थिरता पर चिंता बढ़ाई है।
6. दुर्घटना की जांच कब शुरू होगी?
उत्तर: भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी (COI) का गठन कर दिया है, जिसमें पूरी wreckage, फ्लाइट डाटा और तकनीकी कारणों की पड़ताल होगी ।
7. IAF के वृद्ध बेड़े के प्रतिबंध क्या हैं?
उत्तर: SEPECAT जगुआर एक 45 साल पुराना प्लैटफ़ॉर्म है, जिसे 2028–31 तक चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्त किया जाना है। हालांकि आधुनिकीकरण के चलते कुछ विमानों को अपडेट किया जा रहा है ।
8. IAF में इस तरह की दुर्घटनाएँ सामान्य हैं?
उत्तर: नहीं, लेकिन पुरानी रणनीतिक फ्लाइट्स जैसे जगुआर में बीते वर्षों में लगभग 50 दुर्घटनाएँ हुई हैं। इसके कारण उनमें तकनीकी विश्वसनीयता और स्पेयर-पार्ट्स की कमी चिंता का विषय बनी हुई है ।
9. IAF या रक्षा मंत्रालय ने क्या कार्रवाई की?
उत्तर: IAF ने मृतकों के परिवारों को संवेदना दी है और COI की प्रक्रिया को सक्रिय किया है। हालांकि सार्वजनिक रूप से तकनीकी कारण अभी स्पष्ट नहीं किए गए हैं ।
10. भविष्य में सुधार के क्या सुझाव हैं?
उत्तर:
- COI रिपोर्ट को पारदर्शी तरीके से प्रकाशित करना
- जगुआर फ्लीट को तेजी से Tejas Mk1A जैसे आधुनिक विमानों से बदलना
- आपातकालीन प्रणालियों (जैसे ejection seats), इंजन और स्पेयर-पार्ट्स की गुणवत्ता सुनिश्चित करना ताकि पायलटों की सुरक्षा बढ़ सके।