हिमाचल में बारिश बनी काल: अब तक 69 मौतें, 37 लापता, 700 करोड़ से अधिक की तबाही

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हिमाचल में बारिश बनी मौत का कारण - 69 की मौत, ₹700 Cr नुकसान

हिमाचल में बारिश- मंडी, कांगड़ा, चंबा और शिमला सबसे ज़्यादा प्रभावित, राहत कार्य जारी, केंद्र सरकार से मदद का आश्वासन

Contents
☔ तबाही की तस्वीर: 14 बादल फटे, 250 से अधिक सड़कें बंद🏞️ मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित, गाँव हुआ तबाह⚠️ IMD का चेतावनी: 9 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट🏚️ 700 करोड़ का नुकसान, लेकिन असली आंकड़ा इससे कहीं अधिक🧒 स्कूल भी प्रभावित, बच्चों में भय का माहौल👥 राजनीतिक संवाद: केंद्र और राज्य की बैठकें, राहत की घोषणा🚨 राहत और बचाव अभियान: NDRF, SDRF, पुलिस और होमगार्ड्स तैनात📍 हिमाचल के अन्य प्रभावित ज़िले: कांगड़ा, चंबा और शिमला🌍 जलवायु परिवर्तन की चेतावनी: हर साल बढ़ता संकट🔚 निष्कर्ष: हिमाचल को चाहिए ठोस समाधान, न कि सिर्फ मौसमी राहत🧠 FAQs (प्रश्न-उत्तर) – हिंदी में[हिमाचल बारिश 2025 | मंडी बाढ़ | भूस्खलन | मानसून 2025]❓1. हिमाचल में इस बार की बारिश कितनी घातक रही है?❓2. मंडी बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर किन इलाकों में पड़ा है?❓3. क्या हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी अभी भी जारी है?❓4. भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएँ किन जिलों में हुईं?❓5. हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन से बचाव के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?❓6. हिमाचल बारिश 2025 में कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?❓7. क्या शिमला और कांगड़ा जिले भी बारिश से प्रभावित हुए हैं?❓8. एनडीआरएफ की क्या भूमिका है इस आपदा में?❓9. क्या यह प्राकृतिक आपदा जलवायु परिवर्तन का संकेत है?❓10. हिमाचल में बारिश के कारण स्कूलों की स्थिति क्या है?🗓️ ताजा अपडेट (4 जुलाई 2025):

हिमाचल बारिश 2025, शिमला/मंडी, 4 जुलाई 2025:
हिमाचल प्रदेश इस समय अपने सबसे भीषण मानसून संकट से जूझ रहा है। तेज़ बारिश, बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी कि अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है, 37 लोग अब भी लापता हैं और 110 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, लगभग 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान दर्ज किया गया है।

तबाही की तस्वीर: 14 बादल फटे, 250 से अधिक सड़कें बंद

राज्य में 20 जून से सक्रिय मानसून ने कई ज़िलों में जमकर कहर बरपाया है। अब तक 14 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिससे सड़कों का नेटवर्क टूट गया है, बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और पीने के पानी की योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, 250 से अधिक सड़कें बंद हैं, 500 से अधिक बिजली ट्रांसफॉर्मर काम नहीं कर रहे हैं और 700 से ज़्यादा पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।


🏞️ मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित, गाँव हुआ तबाह

मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाक़ा बनकर सामने आया है। ख़ास तौर पर थुनाग और बगस्याड़ जैसे इलाक़ों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। यही नहीं, मंडी के करसोग और धर्मपुर में भी भारी तबाही की खबरें हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि सिर्फ मंडी में 40 से ज़्यादा लोग लापता हैं और एक गाँव पूरी तरह तबाह हो चुका है। राहत शिविर लगाए गए हैं और भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई मदद पहुंचाई जा रही है।

⚠️ IMD का चेतावनी: 9 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7 जुलाई तक पूरे राज्य में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिसे अब बढ़ाकर 9 जुलाई तक कर दिया गया है। पिछले 24 घंटों में शिमला, मंडी और सिरमौर जैसे ज़िलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है।
स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लगातार हालात पर नज़र रखे हुए है।


🏚️ 700 करोड़ का नुकसान, लेकिन असली आंकड़ा इससे कहीं अधिक

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक ₹400 करोड़ से अधिक के नुकसान का आधिकारिक रिकॉर्ड दर्ज किया है, लेकिन असली नुकसान ₹700 करोड़ से भी ऊपर होने का अनुमान है।
डीसी राणा ने बताया, “वर्तमान में हमारा मुख्य ध्यान राहत और पुनर्स्थापना पर है। नुकसान का आकलन बाद में किया जाएगा।”

🧒 स्कूल भी प्रभावित, बच्चों में भय का माहौल

शिमला के स्कूलों में पानी भर गया है, बच्चे गीले कपड़ों और किताबों के साथ स्कूल आते-जाते देखे गए।
तनुजा ठाकुर, एक छात्रा ने कहा, “तेज़ बारिश हो रही है, हमारे स्कूल की कक्षा में पानी घुस आया है। हमारे कपड़े और किताबें भीग गई हैं। टीचर कह रहे हैं कि घर पर रहना ज़्यादा सुरक्षित है।”


👥 राजनीतिक संवाद: केंद्र और राज्य की बैठकें, राहत की घोषणा

गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से बात कर NDRF की टीमें भेजने और हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। हर परिवार को ₹5,000 की सहायता राशि किराये के मकान के लिए दी जाएगी।”


🚨 राहत और बचाव अभियान: NDRF, SDRF, पुलिस और होमगार्ड्स तैनात

राज्य में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, SDRF, Home Guards और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को ज़मीन पर तैनात किया गया है और PWD, बिजली बोर्ड, और जल शक्ति विभाग के इंजीनियर बहाली कार्य संभाल रहे हैं।


📍 हिमाचल के अन्य प्रभावित ज़िले: कांगड़ा, चंबा और शिमला

  • कांगड़ा ज़िले में 13 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
  • चंबा में 6 लोगों की मौत हुई है।
  • शिमला में 5 मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
    इन ज़िलों में सड़कें टूट गई हैं, गाँवों का संपर्क टूट गया है और जल जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

🌍 जलवायु परिवर्तन की चेतावनी: हर साल बढ़ता संकट

डीसी राणा ने कहा, “ये घटनाएं जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा हैं। हिमाचल इन प्रभावों से अछूता नहीं है।”
हर साल मानसून हिमाचल प्रदेश में तबाही लेकर आता है, लेकिन इस बार की बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

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🔚 निष्कर्ष: हिमाचल को चाहिए ठोस समाधान, न कि सिर्फ मौसमी राहत

हर साल मानसून में हिमाचल प्रदेश तबाही का शिकार होता है। लेकिन इस बार की घटनाएं सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि पूर्व तैयारी की कमी, असंतुलित विकास, और जलवायु परिवर्तन के प्रति लापरवाही की चेतावनी भी हैं।
सरकार को चाहिए कि राहत कार्यों से आगे बढ़कर स्थायी समाधान तलाशे जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।

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🧠 FAQs (प्रश्न-उत्तर) – हिंदी में

[हिमाचल बारिश 2025 | मंडी बाढ़ | भूस्खलन | मानसून 2025]


❓1. हिमाचल में इस बार की बारिश कितनी घातक रही है?

उत्तर:
हिमाचल प्रदेश में मानसून 2025 के दौरान भारी वर्षा, बादल फटना और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने अब तक 69 जानें ली हैं, 37 लोग लापता हैं और ₹700 करोड़ से अधिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। मंडी, शिमला और कांगड़ा सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले हैं।


❓2. मंडी बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर किन इलाकों में पड़ा है?

उत्तर:
मंडी ज़िले के थुनाग और बगस्याड़ क्षेत्र बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां सड़कें टूट गई हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है।


❓3. क्या हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी अभी भी जारी है?

उत्तर:
हाँ, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल में 7 जुलाई तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके बाद भी बारिश जारी रहने की संभावना है।


❓4. भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएँ किन जिलों में हुईं?

उत्तर:
अब तक 14 बादल फटने की घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं, जिनमें मंडी, चंबा और शिमला जिले प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण कई गाँवों का संपर्क कट चुका है।


❓5. हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन से बचाव के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

उत्तर:
राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ, पुलिस और सेना की सहायता ली है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कैंप और हेलिकॉप्टर से भोजन वितरण किया जा रहा है।


❓6. हिमाचल बारिश 2025 में कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?

उत्तर:
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार अब तक ₹700 करोड़ से अधिक का नुकसान दर्ज हुआ है, जिसमें सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति और घरों को भारी नुकसान शामिल है।


❓7. क्या शिमला और कांगड़ा जिले भी बारिश से प्रभावित हुए हैं?

उत्तर:
हाँ, शिमला जिले में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और सड़कों पर पानी भर गया है। कांगड़ा जिले में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है।


❓8. एनडीआरएफ की क्या भूमिका है इस आपदा में?

उत्तर:
एनडीआरएफ की टीमें हिमाचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। वे बचाव कार्य, राहत सामग्री वितरण और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में जुटी हुई हैं।


❓9. क्या यह प्राकृतिक आपदा जलवायु परिवर्तन का संकेत है?

उत्तर:
राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारी डीसी राणा के अनुसार, यह आपदा ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का परिणाम हो सकती है। वर्षा का पैटर्न अत्यधिक असामान्य और रिकॉर्ड-ब्रेकिंग रहा है।


❓10. हिमाचल में बारिश के कारण स्कूलों की स्थिति क्या है?

उत्तर:
शिमला समेत कई जिलों में स्कूलों में पानी भर गया है। छात्रों को घर पर रहने की सलाह दी गई है। कई स्कूलों की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है।

🗓️ ताजा अपडेट (4 जुलाई 2025):

  • मरने वालों की संख्या: 69
  • लापता लोग: 37
  • घायलों की संख्या: 110
  • आर्थिक नुकसान: ₹700 करोड़+
  • सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले: मंडी, कांगड़ा, शिमला, चंबा
  • भारी बारिश का अलर्ट: 9 जुलाई तक

👉 क्या आप हिमाचल प्रदेश में हैं? नीचे कमेंट में बताएं आपके क्षेत्र में क्या स्थिति है।

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