हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी, 50% निश्चित पेंशन की गारंटी

Suraj
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2006 के बाद नियुक्त 2 लाख से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा लाभ; सरकार पर हर महीने ₹50 करोड़ का अतिरिक्त भार

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी। अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला केंद्र सरकार की NPS के तहत जारी UPS अधिसूचना के अनुरूप है और राज्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।

पेंशन लाभ:

Dearness Relief (DR) — जो कि कार्यरत कर्मचारियों की Dearness Allowance (DA) की तरह होगा — यह भी पेंशन शुरू होने के बाद लागू होगा।

कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी अपनी आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे।

10 साल या उससे अधिक की सेवा वालों को ₹10,000 मासिक न्यूनतम पेंशन की गारंटी होगी।

पेंशनर की मृत्यु होने पर, परिवार को अंतिम पेंशन का 60% मिलेगा।

रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि:

  • रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को उनकी प्रत्येक 6 महीने की सेवा पर उनके मासिक वेतन (बेसिक + DA) का 10% एकमुश्त मिलेगा।
  • यह भुगतान पेंशन पर कोई असर नहीं डालेगा।

योगदान और फंड संरचना:

UPS ,यूनिफाइड पेंशन स्कीम
  • UPS लागू होने के बाद, राज्य सरकार का योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया जाएगा।
  • इससे राज्य सरकार पर ₹50 करोड़ प्रति माह और ₹600 करोड़ प्रति वर्ष का अतिरिक्त खर्च आएगा।
  • पेंशन फंड दो हिस्सों में बांटा जाएगा:
    • इंडिविजुअल कॉर्पस: कर्मचारी का 10% + राज्य का 10% योगदान (व्यक्तिगत खाते में)
    • पूल कॉर्पस: राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 8.5% योगदान (सामूहिक फंड में), जिससे निश्चित पेंशन भुगतान होंगे।

निवेश की आज़ादी:

  • कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कॉर्पस को PFRDA नियमों के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
  • पूल कॉर्पस का निवेश हरियाणा सरकार द्वारा तय किया जाएगा। यदि कोई विकल्प न चुना जाए, तो PFRDA के डिफॉल्ट निवेश पैटर्न को अपनाया जाएगा।

अतिरिक्त प्रावधान:

  • योजना लागू होने से पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारी यदि UPS को चुनते हैं, तो उनके लिए टॉप-अप भुगतान की प्रक्रिया PFRDA द्वारा तय की जाएगी।
  • NPS के तहत आने वाले सभी वर्तमान सरकारी कर्मचारी और भविष्य के नए नियुक्त कर्मचारी NPS और UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं। लेकिन एक बार UPS चुनने के बाद, वह अविकारी निर्णय होगा।
  • UPS को बोर्ड्स, कॉरपोरेशन्स, PSUs और राज्य विश्वविद्यालयों में लागू करने का निर्णय बाद में लिया जाएगा

केंद्र सरकार ने UPS को जनवरी 2025 में मंजूरी दी थी, जो उन कर्मचारियों पर लागू होती है जिन्होंने 1 जनवरी 2004 के बाद जॉइन किया है

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