यू.के. के ब्रिटिश F‑35B जेट का केरल में आपात लैंडिंग

Sanyam
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यू.के. के ब्रिटिश F‑35B जेट का केरल में आपात लैंडिंग

थिरुवनंतपुरम, 6 जुलाई 2025 – यू.के. की रॉयल एयर फोर्स (RAF) का अत्याधुनिक F‑35B लाइटनिंग II लड़ाकू विमान 14 जून को तकनीकी खराबी और ईंधन की कमी के कारण आपातकालीन लैंडिंग करने के बाद थिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जमी थी। 6 जुलाई को यू.के. से आई 24 से 25 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम विमान को मरम्मत के उद्देश्य से आई। इस लेख में हम घटनाक्रम, मरम्मत प्रक्रिया, भारत‑यू.के. सुरक्षा सहयोग और आने वाले निर्णयों को विस्तार से समझेंगे।

Contents
🛬 आपात लैंडिंग की पृष्ठभूमि🔍 इंजीनियरिंग टीम की जांच🏗️ विमान को MRO हॅंगर में ले जाया गया⚙️ मरम्मत विकल्प: मरम्मत बनाम एयरलिफ्ट🛠️ ऑन-साइट मरम्मत:✈️ एयरलिफ्ट विकल्प:🤝 भारत‑यू.के. रक्षा सहयोग💵 लागत और मीडिया चर्चा📆 आगे की कार्यवाही: क्या संभावनाएँ हैं?❓ सामान्य प्रश्न (FAQs)1. F‑35B क्यों थिरुवनंतपुरम में ग्राउंड हो गया?2. ग्राउंडिंग का मुख्य कारण क्या था?3. मरम्मत के लिए यू.के. की टीम कितनी बड़ी है?4. क्या मरम्मत हवाई अड्डे पर ही होगी?5. जेट को कितने दिन या क्या खर्च आएगा?6. इस विवाद का राजनयिक महत्व क्या है?7. क्या तकनीकी गुप्तताएँ जोखिम में हैं?8. केरल की पर्यटन बोर्ड की प्रतिक्रिया क्या रही?

🛬 आपात लैंडिंग की पृष्ठभूमि

  • 14 जून 2025 की रात, HMS Prince of Wales से उड़ान भरने वाले F‑35B ने तकनीकी खराबी (हाइड्रोलिक फेल्योर और ईंधन की कमी) और खराब मौसम की वजह से थिरुवनंतपुरम में आपात लैंडिंग की अनुमति मांगी|
  • इंडियन एयर फोर्स (IAF) ने इसे ADIZ (वायु रक्षा पहचान क्षेत्र) के बाहर ही पंजीकृत किया था और सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की।
  • विमान को तुरंत बाय 4 पर CISF सुरक्षा में पार्क किया गया और स्थानीय इंजीनियरिंग टीम ने निरीक्षण शुरू किया।

🔍 इंजीनियरिंग टीम की जांच

  • 18 जून को, एक प्रारंभिक मरम्मत टीम (Royal Navy के 3 तकनीशियन सहित) स्थल पर पहुंची, लेकिन खराबी बनी रही।
  • 6 जुलाई को RAF का एक Airbus A400M Atlas बोझिल मरम्मत-सुविधा व उपकरण लेकर इकट्ठा 24–25 सदस्यीय टीम लेकर पहुंचा।
  • इस टीम में थी 14 इंजीनियर और 10 अन्य तकनीकि व सपोर्ट स्टाफ।

🏗️ विमान को MRO हॅंगर में ले जाया गया

  • ब्रिटिश टीम ने विमान को MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सुविधा के हॅंगर में स्थानांतरित किया।
  • बैंकॉक (CISF), IAF और हवाई अड्डा प्रशासन की सहयोग से यह कदम विमान की सुरक्षा के साथ मरम्मत की सुविधा भी सुनिश्चित करता है।
  • ब्रिटिश उच्चायुक्त कार्यालय ने कहा कि यह कदम “प्रमाणीकृत प्रक्रिया” के अनुसार है और भावी मरम्मत कार्य अब संभावित हैं।

⚙️ मरम्मत विकल्प: मरम्मत बनाम एयरलिफ्ट

🛠️ ऑन-साइट मरम्मत:

  • विशेषज्ञों की टीम यहां मरम्मत की संभावनाओं का आकलन करेगी। यदि हाइड्रोलिक सिस्टम, इंजन, एवियोनिक्स व लोकेल संसाधन सहयोगी होते हैं, तो विमान स्थानीय रूप से उड़ान भरने के योग्य बन सकता है ।

✈️ एयरलिफ्ट विकल्प:

  • यदि ऑन-साइट मरम्मत संभव नहीं, तो F-35B को C‑17 Globemaster से परिशुद्ध रूप से विंग और पूंछ हटाकर एयरलिफ्ट करना होगा—जैसा कि मई 2019 में फ्लोरिडा से युटा ले जाने की मिसाल रही।
  • हर भाग विशेषज्ञ नियंत्रण में हटाया जाएगा और तकनीकी विवरण गुप्त रखा जाएगा ।

🤝 भारत‑यू.के. रक्षा सहयोग

  • IAF ने शुरुआती दिनों से ही समर्थन और समन्वय में भूमिका निभाई थी ।
  • रक्षा मंत्रालय तथा ब्रिटिश उच्चायुक्त कार्यालय ने विश्वास जताया कि भारत-यू.के. सहयोग नए तकनीकी और रणनीतिक दरवाज़े खोलेगा ।
  • यह घटना Operation Highmast के दौरान हुई, जिसमें HMS Prince of Wales, यू.के. Carrier Strike Group व भारतीय नौसेना ने अरब सागर में संयुक्त अभ्यास किया था।

💵 लागत और मीडिया चर्चा

  • केरल सरकार ने डेरिंग टूरिज्म प्रचार अभियान चलाया, जिसमें F‑35 को “ये जगह छोड़ने का मन नहीं करता” जैसे टेक्स्ट में मजाकिया रूप से शामिल किया ।
  • आर्थिक रूप से, हवाई अड्डा द्वारा पार्किंग शुल्क प्रस्तावित था: लगभग ₹26,000 प्रतिदिन, कुल ₹5.7 लाख से अधिक।
  • रक्षा दृष्टिकोण से, £100+ मिलियन (≈₹1,050 करोड़) के विमान की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता थी ।

📆 आगे की कार्यवाही: क्या संभावनाएँ हैं?

क्रमसंभावित परिणामविवरण
1️⃣ऑन-साइट सफल मरम्मतएयरलिफ्ट से बचा जा सकता है
2️⃣आंशिक विंग/पूंछ हटाकर एयरलिफ्टC‑17 के जरिए ब्रिटेन भेजा जा सकता है
3️⃣पूर्ण एयरलिफ्टयदि मरम्मत असंभव हो तो विभाजित भेजा जाएगा
  • विशेषज्ञ दल कुछ दिनों तक यहां रहेगा और मरम्मत आज या कल शुरू होगी ।
  • निर्णय का आधार है: मरम्मत खर्च, सुरक्षा मानक, तकनीकी स्कोप व समयसीमा।

केरल में यू.के. के F‑35B का ये अनियोजित ठहराव सिर्फ तकनीकी चुनौती नहीं, बल्कि भारत‑यू.के. रक्षा सहयोग, सुरक्षा नेतृत्व और औद्योगिक कैपेसिटी का विशिष्ट उदाहरण बन गया। पहला विकल्प ऑन‑साइट मरम्मत है, लेकिन सफल न रहने पर सावधानीपूर्वक एयरलिफ्ट विकल्प पर कदम बढ़ाया जाएगा। साथ ही, यह घटना आधुनिक वायुसेना में मित्र राष्ट्र सहयोग और लॉजिस्टिक तैयारियों को भी उजागर करती है।

भारत-यू.के. की साझेदारी और इस मिशन की सफलता, भविष्य में ऐसे उच्च तकनीक अभियानों के बीच सहज संचालन को भी प्रभावित करेगी।

❓ सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. F‑35B क्यों थिरुवनंतपुरम में ग्राउंड हो गया?

14 जून 2025 को HMS Prince of Wales से उड़ान भरने वाला यह जेट तकनीकी खराबी और शीर्ष स्तर की सुरक्षा प्रक्रिया के चलते थिरुवनंतपुरम में आपातकालीन लैंडिंग करने को मजबूर हुआ।

2. ग्राउंडिंग का मुख्य कारण क्या था?

प्रारंभिक जांच में हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी पाई गई, और मौसम की खराबी ने लैंडिंग को मजबूरी बना दिया ।

3. मरम्मत के लिए यू.के. की टीम कितनी बड़ी है?

6 जुलाई को RAF का Airbus A400M Atlas विमान 24–25 सदस्यीय टीम लेकर आया, जिसमें 14 इंजीनियर और 10 अन्य सपोर्ट स्टाफ शामिल थे।

4. क्या मरम्मत हवाई अड्डे पर ही होगी?

यू.के. टीम जांच के बाद निर्णय लेगी कि मरम्मत ऑन-साइट संभव है या नहीं । यदि संभव नहीं हुआ तो जेट को C‑17 Globemaster से एयरलिफ्ट किया जाएगा।

5. जेट को कितने दिन या क्या खर्च आएगा?

मरम्मत की अंतिम समयरेखा और खर्च स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, पार्किंग शुल्क ₹26,000 प्रति दिन (~₹5.7 लाख कुल) प्रस्तावित था, जिसे संभवतः रक्षा सहयोग के तहत माफ किया जाएगा।

6. इस विवाद का राजनयिक महत्व क्या है?

भारत और यू.के. की रक्षा सहयोग, लॉजिस्टिक समर्थन, और वायु सुरक्षा समन्वय की एक वास्तविक परीक्षा बनी यह घटना, दोनों देशों के साझा विश्वास को दर्शाती है ।

7. क्या तकनीकी गुप्तताएँ जोखिम में हैं?

F‑35B के संवेदनशील स्टील्थ तकनीक और गुप्त अंश सुरक्षित रखे गए हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सभी पुर्ज़ों और कार्य रिकॉर्ड ‘सुरक्षा कोडिंग’ के साथ संभाले जाएँ।

8. केरल की पर्यटन बोर्ड की प्रतिक्रिया क्या रही?

केरल की टूरिज्म बोर्ड ने इसे रचनात्मक रूप से होल्ड करते हुए AI-जनरेटेड इमेज और सामाजिक मीडिया के ज़रिए “पांच स्टार” समीक्षा जैसी शरारतों के साथ प्रचार किया|

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