26 जून को केरल से शुरू होकर, 29 जून तक पूरे भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है — यह पिछले पांच वर्षों में सबसे तेज़ विस्तार है।मानसून दिल्ली और आसपास के राज्यों में भी मानसून सामान्य से एक दिन पहले आ गया है। मौसम विज्ञानी जल संसाधन, कृषि और जीवन व्यवस्था के लिए बेहतर तैयारी की सलाह दे रहे हैं।
Contents
1. मानसून की राष्ट्रीय प्रगति — सामान्य से 9 दिन पहले2. दिल्ली में मानसून की शुरुआत — उमस से मिली राहत3. मानसून के चरणवार विस्तार की रूपरेखा4. मौसम संरचनाएँ: न्यून दबाव और चक्रवात5. कृषि, जल संसाधन और जनता को सकारात्मक असर6. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी7. पिछली घटनाओं व तुलना8. आगे का मौसम और सलाह9. निष्कर्ष
1. मानसून की राष्ट्रीय प्रगति — सामान्य से 9 दिन पहले
- देशव्यापी कवरेज: भारत मौसम विज्ञानी विभाग (IMD) के अनुसार, वर्ष 2025 में मानसून ने 29 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया — सामान्य तुलना में यह लगभग 9 दिन पहले हुआ है, क्योंकि सामान्य रूप से यह 8 जुलाई तक होता है|
- तेज़ गति, व्यापक प्रभाव: IMD डेटा के अनुसार, 26 जून 2020 के बाद यह सबसे तेज़ कवरेज दर है जब पूरे भारत में मानसून इसी दिन आ गया था ।
2. दिल्ली में मानसून की शुरुआत — उमस से मिली राहत
- आगमन तिथि: दिल्ली में मानसून 29 जून को पहुंचा — सामान्य अनुमानित आगमन 30 जून — यानी एक दिन पहले पहुँचना राहतभरा रहा ।
- पक्ष-वायु में विलम्ब: हालांकि मानसून पूरे देश में फैल गया, दिल्ली व आसपास के इलाकों (राजस्थान, पश्चिम–उत्तर प्रदेश, हरियाणा) में एंटी-साइक्लोनिक हवाओं (प्रतिचक्रवाती) के कारण प्रवेश में थोड़ी देरी हुई । जब ये हवाएँ कमजोर पड़ीं, तभी मानसूनी हवा का गुज़र संभव हुआ।
- स्थानीय स्वरूप: शनिवार को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्रों (नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद) में इधर-उधर बारिश हुई, लेकिन Safdarjung स्टेशन पर औपचारिक बारिश दर्ज नहीं हुई — फिर भी खुश्क गर्मी से राहत मिली ।
3. मानसून के चरणवार विस्तार की रूपरेखा
क्षेत्र | आगमन तिथि/स्थिति | सामान्य तारीख |
---|---|---|
केरल | 24 मई (सबसे पहले) | 1 जून |
आख़िर में पूरा भारत | 29 जून | 8 जुलाई |
- केरल में आगमन: इस वर्ष मराठी इलाकों तक मानसून पहले पहुंचा — 24 मई को केरल (सबसे पहले) — जबकि सामान्य रूप से 1 जून से 4 जून तक होता है।
- विस्तार और रुकावट: महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर में 29 मई तक दर्जा दर्ज बारिश हुई; फिर करीब 18 दिन (29 मई–16 जून) ‘रुकावट’ बनी रही। इसके बाद तेज विस्तार से मानसून पूरे भारत में फैल गया।
- देशव्यापी कवरेज: अंततः 29 जून में राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी यूपी और दिल्ली सहित पूरे भारत में मानसून पहुंच गया — यह गति 2020 महामारी से पहले की समान तेज़ रफ्तार रही ।
4. मौसम संरचनाएँ: न्यून दबाव और चक्रवात
- उत्तरवर्ती बंगाल की खाड़ी: IMD के अनुसार, 29 जून सुबह 8:30 बजे तक, उत्तर बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास एक निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ था, जिसकी चक्रवातीय प्रणाली लगभग 7.6 किमी ऊँचाई तक फैली हुई थी। यह निम्न दबाव राजस्थान–हरियाणा–दिल्ली मार्ग में आगे बढ़ते मानसून को आंशिक सहायता दे रहा है।
- आगामी प्रगति: यह प्रणाली धीमी गति से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगी — इससे ओडिशा, बंगाल, झारखण्ड और फिर आगे के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सक्रिय मानसून घटक बने रहेंगे।
5. कृषि, जल संसाधन और जनता को सकारात्मक असर
- खरीफ़ फसलों को सहारा: आमतौर पर मानसून के आगमन पर ही खरीफ़ की बुआई प्रारंभ होती है। 9 दिन की जल्दी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा देगी, जिससे धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, गन्ना आदि की बुवाई में तेजी आएगी ।
- जलाशयों का स्तर सुधरेगा: तेज बारिश से नदी, तालाब व जलाशयों में जल स्तर बढ़ेगा, जो गर्मियों में सूखापानी की कमी से राहत देगा।
- शहरी जीवन में बदलाव: दिल्ली जैसे शहरों में उमस कम होगी, तापमान घटेगा, हवाओं में बदलाव होंगे — इससे लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन संभव है कि कूलिंग व एयर कॉन्डिशनिंग की खपत में बढ़ोतरी हो।
6. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी
- शिमला व आसपास: हिमाचल प्रदेश के शिमला, सिरमौर, सोलन, कुल्लू और मंडी जिला के लिए IMD ने तीन-चार दिनों तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है — जहाँ कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।
- अन्य जिलों में यलो अलर्ट: कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा आदि जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना के चलते यलो अलर्ट जारी है।
- संभावित जोखिम: स्थानीय प्रशासन ने जलभराव, लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड जैसी आपदाओं की तैयारी कर ली है। विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी नालों व ढलुका क्षेत्रों से दूर रहने का निर्देश दिया गया है।
7. पिछली घटनाओं व तुलना
- 2020 अनुभव: 2020 में मानसून 26 जून तक पूरे देश में फैल गया था — इस वर्ष यह रिकॉर्ड संख्या पुनः छूने वाला रहा।
- रुकी हुई अवधि: 2025 में मई में प्रगतिशील शुरूआत हुई, लेकिन जून के मध्य के 18 दिनों के लिए रुकी रही — इसके बाद प्रवाह शक्ति फिर से सक्रिय हुई ।
8. आगे का मौसम और सलाह
- निरंतर बारिश की संभावना: अगले सप्ताह तक उत्तर, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है — कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश भी हो सकती है ।
- लैंडस्लाइड और राहत उपाय: पहाड़ी व नदियों के पास रहने वाले आबादी विशेष सतर्कता रखें — स्थानीय प्रशासन व आपदा प्रबंधन सतर्क हैं।
- कृषि एवं जल प्रबंधन: किसान छिटाई–बुआई के कार्य शुरू करें; जल संस्थान जलाशयों का नियमन करें ताकि आपदा की आशंका न हो।
- शहरों में तैयारी: शहरी निकाय जल निकासी प्रणालियों को दुरुस्त करें; एम्बुलेंस व राहत टीम तैयार रहें।
- जन उपयोग हेतु सूचना: सुरक्षित रहने की सतर्कता व मौसम के अनुसार यात्रा योजनाओं में बदलाव करें।
9. निष्कर्ष
देश का मानसून 2025 की ओर तेजी से बढ़ रहा है — दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम यूपी और राजस्थान सहित पूरे भारत में 29 जून तक दस्तक दे चुकी है — यह पिछले पांच वर्षों में सबसे तेज़ विस्तार है। किसानों, जल प्रबंधकों और आम नागरिकों के लिए यह सुविधा एवं संभावनाएँ लेकर आया है। हालांकि पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश व प्राकृतिक जोखिमों के मद्देनज़र आपकी सावधानी व प्रशासन की तैयारी भी त्वरित होनी चाहिए।