🛠 तकनीकी समस्या और सुरक्षा
- लैंडिंग के बाद अभ्यास चेक में हाइड्रॉलिक फेलियर पाया गया, जो F‑35B की सुरक्षित टेक-ऑफ व लैंडिंग को बाधित कर सकता था ।
- ब्रिटिश रॉयल नेवी ने तुरंत स्वयं के तकनीशियनों को भेजा, लेकिन स्थानीय मरम्मत प्रयास असफल रहे ।
- प्लेन के परिरक्षण हेतु CISF ने कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की। भारतीय व ब्रिटिश टेक्निशियनों की टोली साइट पर कार्यरत रही
स्थगित रुकावट: ₹2.26 अरब का प्लेन हैंगर में
- लगभग 22 दिनों तक एप्रन पर बेकार पड़े इस £110 मिलियन (₹1,200 करोड़) मूल्यवान प्लेन को आखिरकार 6 जुलाई 2025 को एयर इंडिया के MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) हैंगर में शिफ्ट किया गया ।
- यूके की ओर से RAF का A400M Atlas एयरक्राफ्ट था, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ आए। 24 सदस्यों की टीम ने ऑन‑साइट गहन जांच शुरू की।
- पार्किंग शुल्क की खबरें भी आई, क्योंकि यह पहली बार था जब कोई F‑35B इतनी लम्बी अवधि तक किसी विदेशी एयरपोर्ट पर रुका।
द्विपक्षीय सहयोग और डिप्लोमैसी
- भारत और यूके मिलकर इस तकनीकी चुनौती से निपटने के लिए सहमत रहे।
- भारत की ओर से एयर इंडिया, आईएएफ व CISF द्वारा मदद दी गई, जबकि ब्रिटिश हाई कमीशन ने इस सहयोग के लिए आभार जताया ।
- UK की रक्षा मंत्रालय ने कहा: “हम भारत के निरंतर सहयोग के लिए बहुत आभारी हैं” ।
सोशल मीडिया पर वायरल F‑35 ट्रेंड
केरल टूरिज्म ने इसे “God’s own country” के रूप में प्रचारित करने के लिए मजाकिया ढंग अपनाया:
- AI जनरेटेड पोस्ट में जेट को एक पॉम ट्री-lined runway पर पाँच सितारा评级 देते दिखाया गया ।
- “Kerala इतनी शानदार जगह है, मैं यहाँ से जाना नहीं चाहता” जैसे चुटीले कैप्शन सोशल मीडिया पर लोकप्रिय रहे।
- केरल पुलिस, Milma समेत अनेकों सरकारी व गैर‑सरकारी संस्थाओं ने मिम्स और मीम साझा किए, जिससे सोशल मीडिया की हल्की‑फुल्की हलचल बनी रही ।
🔧 आगे की संभावनाएँ
- तकनीकी जांच के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि F‑35B को स्थानीय रूप से उड़ाना संभव है या नहीं। यदि ऑन-डिमांड मरम्मत सफल नहीं होती, तो इसे C‑17 Globemaster में डिसमैटल कर वापस यूके ले जाया जा सकता है।
- सितंबर–अक्टूबर में UK Carrier Strike Group की अगली Indo-Pacific मिशन की योजना में संभवतः इसी विमान का फिर से इस्तेमाल हो सकता है, बशर्ते वह ठीक हो जाए।
केरल में आपात लैंडिंग कराने वाला यह ब्रिटेन का F‑35B स्टील्थ जेट न केवल एक दिव्य तकनीकी क्षण था, बल्कि डिफेंस डिप्लोमेसी और समाजिक मीडिया की हलकी-फुलकी भावना को भी उजागर करता है। यह घटना भारत-UK संबंधों की गहरी बॉण्डिंग दर्शाती है, जो तकनीकी और रणनीतिक सहयोग से आगे बढ़ रही है।
यदि आप चाहते हैं, तो मैं हाल की तस्वीरें, स्थानीय प्रतिक्रिया या तकनीकी पहलुओं पर गहराई से प्रकाश डाल सकता हूँ।
❓ आम पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. F‑35B जेट क्यों केरल में उतरा?
14 जून 2025 को HMS Prince of Wales से उड़ान भरने के बाद, जेट को बेहद खराब मौसम और ईंधन की कमी की वजह से थिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान पायलट ने “Squawk 7700” इमरजेंसी कोड जारी किया था।
2. तकनीकी समस्या क्या थी कि वह फिर उड़ नहीं सका?
लैंडिंग के बाद जेट में हाइड्रॉलिक सिस्टम फेलियर और अन्य इंजिनियरिंग समस्याओं का पता चला, जिसने उसे फिर से उड़ने से रोक दिया ।
3. क्या ब्रिटिश इंजीनियर वहां मंगाए गए?
हाँ, 6 जुलाई को ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स का एक A400M Atlas विमान 24–25 तकनीकी विशेषज्ञों को लेकर केरल आया, जिन्होंने ऑन-साइट मरम्मत के लिए जेट का निरीक्षण शुरू किया।
4. जेट को कहाँ रखा गया था और अब कहाँ है?
शुरुआत में जेट को नागरिक एयरपोर्ट के टर्मिनल परिसर में Bay 4 पर पार्क किया गया और भारी सुरक्षा के बीच रखा गया। बाद में इसे एयर इंडिया के MRO हैंगर में स्थानांतरित कर दिया गया, ताकि इंजीनियरिंग कार्य सुचारु ढंग से हो सके।
5. क्या जेट उड़ाया जा सकता है या C‑17 में भेजा जाएगा?
ब्रिटिश पक्ष इस बात पर काम कर रहा है कि क्या फील्ड रिपेयर की जा सकती है या फिर जेट को C‑17 Globemaster में डि‑मोंट और एयरलिफ्ट करना पड़ेगा ।
6. भारतीय पक्ष ने कैसे सहयोग किया?
IAF ने लैंडिंग और सुरक्षा में सहयोग किया, CISF ने जेट की निगरानी की, और एयर इंडिया ने हैंगर तथा लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया । ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने भारत की सहायता के लिए आभार जताया।
7. क्या पार्किंग शुल्क लगाया जाएगा?
थिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट संभवतः £100 मिलियन F‑35B के पार्किंग रहने के लिए चार्ज लगा सकता है—जिसे “parking fee” की संभावना बताया जा रहा है।
8. सोशल मीडिया पर यह घटना कैसे छाई रही?
केरल टूरिज़्म डिपार्टमेंट ने AI‑जनरेटेड मज़ाकिया पोस्ट में इसे “Kerala is such an amazing place, I don’t want to leave” कहते हुए पाँच ⭐ रेटिंग दी। रिलीज के बाद यह वायरल हो गया और राज्य में हल्की-फुल्की सोशल मीडिया ट्रेंड बनी।